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साथी की तलाश
Thursday, October 11, 2007
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भी किसी को करीब पाया है !
क़सम से वही पे धोका खाया है !
क्यों दोष देते है हम कांटों को ,
जख्म तो हमने फूलों से पाया है !
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GOD ALWAYS GIVE...................
कितनी ही पीड़ाएं हैं
हर ख़ुशी है लोगों के दामन में,
Thora sa Piyar Hoa Tha
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==================भी किसी को करीब पाया है !क़सम से ...
न करना शिक़ायत ज़माने से कोई ......
चहरे- चहरे पे फ़र्क होता है .....
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sandeep kerktta (carry,sonu)
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